Sukanya Samriddhi Yojana Calculator – भारत सरकार की तरफ से देश की बेटियों के लिए बहुत ही शानदार स्कीम को चलाया गया है और इस स्कीम में निवेश करने के बाद में बेटी की पढाई और उसकी शादी की चिंता से अभिभावकों को मुक्ति मिलती है। इस स्कीम को सरकार ने पहले से चलाई जा रही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत चलाया है जिसमे अभिभावक अपनी बेटी के नाम से हर महीने थोड़ा थोड़ा पैसा निवेश कर सकते है।
सुकन्या समर्धि योजना मौजूदा समय में देश की सबसे पॉपुलर स्कीम है जिसमे लाखों बेटियों के नाम से खाता खुलवाया गया है और उसमे हर महीने निवेश किया जा रहा है। स्कीम में काफी अच्छी ब्याज सरकार की तरफ से दी जा रही है और साथ में पढाई और शादी के लिए भी इस स्कीम में से पैसे दिए जाते है। दोस्तों चलिए आज के इस आर्टिकल में आपको इस स्कीम की पूरी जानकारी दे देते है ताकि आपको आसानी से इस स्कीम के बार में पता चल सके और आप बिना किसी परेशानी के इसमें बेटी के नाम से निवेश कर सकें।
कितना ब्याज दिया जाता है?
कितना ब्याज दिया जाता है ये सवाल सभी लोग सबसे पहले जानना चाहते है क्योंकि किसी भी स्कीम में जब भी निवेश किया जाता है तो वो निवेश पैसे को बढ़ाने के लिए ही होता है। सरकार ने वैसे तो काफी अधिक ब्याज दर इस स्कीम में बेटियों को देने का एलान किया हुआ है और अभी इस समय बेटियों को इस स्कीम में निवेश करने के बाद में 8.2 फीसदी सालाना की दर से ब्याज का लाभ दिया जा रहा है।
ब्याज दरों में सरकार की तरफ से समय समय पर बदलाव किया जाता है लेकिन जरुरी नहीं है की ब्याज दर बदलाव के बाद में बढ़ेगी। कई बार ब्याज दरों में सरकार की तरफ से कटौती भी की जाती है। इसलिए जब आप निवेश करने जायें तो उस समय आपको क्या ब्याज दर मिलने वाली है उसकी जानकारी जरूर लेनी चाहिए।
निवेश के नियम क्या क्या है?
सुकन्या समर्द्धि योजना में निवेश करने के लिए सरकार ने कुछ नियमों को भी लागु किया है ताकि सभी लोग नियमों के अनुसार स्कीम में निवेश कर सकें। स्कीम में निवेश के लिए बेटियों की आयु सिमा अधिकतम 10 वर्ष रखी गई है। इसके अलावा इस स्कीम में एक परिवार से केवल 2 बेटियों का ही खाता खुलवाया जा सकता है। पहली बेटी के जन्म के बाद में अगर जुड़वां बेटियों का जन्म होता है तो फिर उस परिवार की तीनों बेटियों को खाता खुलवाकर निवेश की अनुमति दी जाती है।
निवेश की अवधी और सिमा क्या है?
सरकार ने इस स्कीम में निवेश करने की समय सिमा को भी निर्धारित किया हुआ है और साथ में इस स्कीम में निवेश करने की पैसे की भी सिमा को निर्धारित कर दिया है। स्कीम में निवेश की अवधी की अगर बात करें तो इसमें 15 साल तक हर महीने अभिभावकों को निवेश करना होता है। इसके बाद जब स्कीम को शुरू किये 21 साल पुरे होंगे तो मच्योरिटी का लाभ दिया जाता है। इसके अलावा इस स्कीम में निवेश करने की सिमा भी निर्धारित है और इसके अनुसार आपको एक साल में इस स्कीम में कम से कम 250 रूपए का निवेश करना जरुरी है। अधिकतम निवेश आप इस स्कीम में एक साल में 1 लाख 50 हजार का कर सकते है।
पढाई और शादी के लिए मिलेंगे पैसे
सुकन्या समर्द्धि योजना में निवेश करने के बाद में बेटी की शादी करने के लिए और बेटी की पढाई के लिए स्कीम में से पैसे निकालने की अनुमति सरकार की तरफ से दी जाती है। जब बेटी की आयु 18 वर्ष की हो जाती है तो आप इस स्कीम में निवेश की गई राशि का 50 फीसदी हिस्सा निकाल सकते है जिससे आप बेटी की अच्छे से पढाई करवा सकते है। इसके अलावा जब बेटी की शादी की जाती है तो आप स्कीम में निवेश की गई राशि से पैसे की निकासी करके बेटी की धूम धाम से शादी कर सकते है।
हर महीने 1 हजार के निवेश की गणना
स्कीम में अगर आप बेटी के नाम से हर महीने 1 हजार का निवेश करते है तो आपको बता दें की एक साल में आपका इस स्कीम में कुल निवेश 12 हजार रूपए का हो जाता है। इसके अलावा आपको ये निवेश 15 साल के लिए करना होता है तो 15 साल में आपको इस स्कीम में कुल 1 लाख 80 हजार का निवेश करना होता है। इसके 6 साल बाद में जब स्कीम की मच्योरिटी का समय होगा तो सरकार की तरफ से बेटी को ₹5,54,206 रिटर्न दिया जाता है। इसमें आपके निवेश की राशि शामिल रहती है इसलिए अगर इस रिटर्न में से उसको निकाल देते है तो भी बेटी को सीधे सीधे ₹3,74,206 केवल ब्याज के जरिये प्राप्त होता है।