अगर आप थोड़ा थोड़ा पैसा निवेश करने के बाद में आने वाले समय में आर्थिक सुरक्षा चाहते है और अपने और परिवार के लिए पैसे एकत्रित करना चाहते है तो आपको भारत सरकार के द्वारा चलाई जा रही इस स्कीम में निवेश करना चाहिए क्योंकि इसमें निवेश करने के बाद में ग्राहकों को काफी अच्छी ब्याज दर मिलती है। इसके अलावा इस स्कीम में निवेश करने के बाद में आपको कम्पाउंडिंग का लाभ भी दिया जाता है।
इस स्कीम में सरकार ने बहुत ही आसान से कुछ नियम बनाये है जिसके चलते आज देश का कोई भी नागरिक इसमें निवेश कर सकता है और कमाई कर सकता है। हर महीने थोड़ा थोड़ा निवेश होता है और यही निवेश एक दिन आपको लाखों में वापस मिलता है। दोस्तों चलिए जानते है की कौन सी स्कीम में निवेश करना है। इसके अलावा इस स्कीम में कौन कौन से नियमों का ध्यान रखना होता है इसकी भी जानकारी आपको देने वाले है। इसलिए आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें।
1968 में हुई थी शुरुआत
भारत की केंद्र सरकार की और से चलाई जा रही इस स्कीम को पीपीएफ योजना यानि की पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम के नाम से भी जाना जाता है और इस स्कीम में ही निवेश करने के बाद में आपको सरकार की और से तगड़ा रिटर्न दिया जाता है। पीपीएफ स्कीम की शुरुआत सरकार ने 1968 में उस समय के प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी जी की तरफ से शुरू किया गया था। इस स्कीम को शुरू करने का उद्देस्य यही था की लोगों में निवेश को लेकर जागरूकता आये और वे अपने आने वाले भविष्य के लिए कुछ पूंजी जमा कर सके।
कितना ब्याज मिल रहा है
भारत सरकार की तरफ से 1968 में जब इस योजना को शुरू क्या था तब उस समय की सरकार की तरफ से इस स्कीम में 4.8 फीसदी सालाना की दर से ब्याज का लाभ दिया जाता था लेकिन उसके बाद में 1970 में इस स्कीम में ब्याज दरों की बढ़ौतरी करना सरकार ने शुरू कर दिया था। 1970 में इस स्कीम में 5 फीसदी सालाना ब्याज दर दी जाने लगी थी। तब से लेकर के अब तक इस योजना की ब्याज दरों में हर साल संसोधन किया जाता है और मौजूदा समय में इस स्कीम में ग्राहकों को 7.1 फीसदी सालाना की दर से ब्याज का लाभ दिया जा रहा है।
कौन कौन पीपीएफ में निवेश कर सकता है?
दोस्तों जहां तक इस स्कीम में निवेश करने की बात है तो देश का कोई भी नागरिक इसमें खाता खुलवा सकता है और निवेश कर सकता है। इसके अलावा ये स्कीम NRI और हिन्दू अविभाजित परिवारों को इस स्कीम में खाता खुलवाने की अनुमति नहीं दी जाती है। आयु सिमा 18 वर्ष या फिर इससे अधिक होनी चाहिए लेकिन बच्चों के मामले में ये थोड़ा अलग है। बच्चे जिनकी आयु 10 वर्ष है या फिर इससे अधिक है उनका भी खाता इस स्कीम में खुलवाया जा सकता है लेकिन बच्चों को 18 साल की आयु होने तक कम ब्याज दर दी जाती है। बच्चों के खाते को भी अभिभावकों के द्वारा मैनेज किया जाता है।
हर महीने 1 हजार निवेश की गणना
पीपीएफ स्कीम में आप हर महीने अगर 1 हजार का निवेश करते है तो आपके द्वारा 15 साल में इस स्कीम में कुल निवेश 1 लाख 80 हजार का हो जाता है और जब स्कीम का मच्योरिटी का समय होता है तो आपको सरकार की तरफ से 3 लाख 25 हजार 457 रूपए रिटर्न दिया जाता है। इस रिटर्न में आपका निवेश वाला पैसा भी शामिल होता है लेकिन अगर उसको अलग कर दिया जाए तो भी हर महीने 1 हजार के निवेश से आपको सीधे सीधे 1 लाख 45 हजार 457 रूपए ब्याज का मिल जाता है।
पीपीआफ स्कीम में निवेश कैसे होता है
पीपीएफ भारत सरकार के द्वारा संचालित की जाती है और देश के सभी अधिकृत बैंकों में और वित्तीय संस्थाओं में जाकर के आप इसमें खाता खुलवा सकते है। इस स्कीम में आप डाकघर में जाकर के भी निवेश कर सकते है। इसके अलावा पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक, एसबीआई और देश के अन्य बैंकों में पीपीएफ खाते खुलवाने और निवेश करने की सुविधा ग्राहकों को दी जाती है।