अगर आपका HDFC बैंक से लोन लेने का प्लान है तो आपको जानकारी के लिए बता दे की HDFC बैंक ने MCLR को रिवाइज किया है। देश के सबसे बड़े निजी क्षेत्र के बैंक HDFC ने कुछ अवधि के लोन पर MCLR रिवाइज किया है। इसका असर लोन EMI पर देखने को मिलेगा। आपको बता दे की जब भी MCLR में बढ़ोतरी होती है तो Home Loan , personal Loan आदि पर ब्याज बढ़ जाता है। जिससे लोन लेने वालो को अधिक EMI भरना होता है। HDFC बैंक ने MCLR में 0.10 फीसदी तक की बढ़ोतरी की है।
बैंक में क्या होती है MCLR
MCLR (Marginal Cost of Funds Based Lending Rate) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 2016 में पेश किया गया एक नया बेस रेट सिस्टम है। यह वह न्यूनतम ब्याज दर होती है जिस पर बैंक अपने ग्राहकों को ऋण दे सकते हैं। MCLR को लागू करने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ब्याज दर में परिवर्तन का लाभ ग्राहकों तक तेजी से और पारदर्शिता के साथ पहुंचे। MCLR की गणना प्रत्येक बैंक द्वारा मासिक आधार पर की जाती है और यह अलग-अलग ऋण उत्पादों के लिए भिन्न हो सकती है। उदाहरण के लिए, होम लोन, पर्सनल लोन, और ऑटो लोन के लिए अलग-अलग MCLR हो सकते हैं।
MCLR बढ़ने पर किसको नुकसान
बैंको द्वारा जब भी MCLR रिवाइज किया जाता है तो लोन धारको को दिक्क्त हो सकती है इसमें जब MCLR बढ़ती है, तो नए ऋणों के लिए ब्याज दरें भी बढ़ जाती हैं। इसका मतलब है कि नए ऋण लेने वालों को उच्च ब्याज दरों पर ऋण मिलेगा। जिन लोगों ने पहले ही फ्लोटिंग रेट पर ऋण लिया हुआ है, उनकी मासिक किस्तें (EMIs) भी बढ़ सकती हैं, जिससे उनकी वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा।
HDFC बैंक की नई MCLR
ओवरनाइट MCLR 8.95 की जगह 9.05 फीसदी
1 महीने की MCLR को 9 फीसदी की जगह 9.10 फीसदी
3 महीने की MCLR 9.15 प्रतिशत की जगह 9.20 फीसदी
6 महीने की MCLR 9.30 प्रतिशत की जगह 9.35 फीसदी
1 साल से अधिक के MCLR 9.30 फीसदी की जगह 9.40 फीसदी
2 साल से अधिक MCLR 9.30 फीसदी की जगह 9.40 फीसदी
3 साल से अधिक पीरियड के लिए MCLR 9.35 फीसदी की जगह 9.40 फीसदी