SIP Expense Ratio : देश में करोड़ो लोग अभी के समय में SIP से जुड़े है। देश में म्यूच्यूअल फण्ड काफी तेजी के साथ पॉपुलर हुआ है। सभी जानते है की SIP निवेश सुरक्षित नहीं है लेकिन फिर भी लोग अधिक रिटर्न के लालच में Mutual Funds में निवेश करते है। SIP मार्किट डायरेक्ट शेयर मार्किट से जुड़ा होता है। जिसके चलते जोखिम के साथ साथ इसमें रिटर्न भी काफी अच्छा माना जाता है। Mutual Fund में आमतौर पर 10 से 12 फीसदी का रिटर्न औसत माना जाता है। हालाँकि बाजार के ऊपर रिटर्न निर्भर करता है।
Expense Ratio क्या होता है।
जो कंपनी म्यूच्यूअल फण्ड में को मैनेज करती है। उस कंपनी के भी कुछ खर्चे होंगे , मैनेजमेंट है, विज्ञापन एवं प्रकार के कई खर्च शामिल होते है। जिसकी भरपाई आपसे की जाती है। यानि की जो लोग Mutual Fund में निवेश कर रहे है। उनसे उसकी वसूली की जाती है। आपको बता दे की AMC यानि की असेट मेनेजमेंट कंपनी जो Mutual fund को मैनेज करती है। वो डेली बेसिस पर होने वाले खर्च के हिसाब से Expense Ratio तय करती है।
रिटर्न पर कितना असर
Expense रेश्यो आप कोई भी म्यूच्यूअल फण्ड खरीदो हर जगह पर लागु होता है। और ये हर कंपनी अपने डेली बेसिस के हिसाब से अलग अलग तय करती है। आपके रिटर्न पर प्रभाव तो होता ही है। Expense Ratio जितना अधिक होगा, आपका रिटर्न उतना ही कम होगा। हर कंपनी रोजाना Mutual Funds को मैनेज करने में आने वाले खर्च को कैलकुलेट करती है । एनुअल एक्सपेंस रेश्यो, साल के ट्रेडिंग डेज में डिवाइड होते हैं. जिन्हें टोटल एनवी पर लगाया जाता है.
मार्किट से लिंक होते है SIP
mutual फण्ड डायरेक्ट मार्किट से जुड़े होते है। जिसके कारण इसमें निवेश करना काफी जोखिम भरा माना जाता है। इसमें रिस्क काफी अधिक होता है। लेकिन बाजार से जुड़े होने के कारण रिटर्न भी अच्छा ख़ासा मिलता है। लम्बी अवधि के SIP निवेश काफी अच्छा रिटर्न दे सकते है। इसलिए एक्सपर्ट हमेशा लॉन्ग टर्म निवेश की सलाह देते है। आपको बता दे की यहाँ पर केवल जानकारी दी गई है। निवेश की सलाह नहीं दी गई है। इसलिए निवेश से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले।