गवर्नमेंट की तरफ से किसानो की मदद के लिए कई साड़ी स्कीम चलाई गई है। इसके साथ ही बैंकिंग क्षेत्र में भी किसानो को कम ब्याज दर के साथ लोन लेने की सुविधा दी गई है। लेकिन इसमें जमीं के दस्तावेजों के आधार पर लोन की सुविधा होती है। लेकिन ई किसानो उपज निधि स्कीम एक ऐसी स्कीम है जिसमे आप अपनी फसल को WDRA के गोदामों में रखकर लोन ले सकते है। यानि की लोन लेने के लिए आपको जमीं गिरवी रखने की जरुरत नहीं है। वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी की तरफ से जो गोदाम रजिस्टर्ड होते है। इनमे किसान अपनी फसल को रखकर 7 फीसदी की ब्याज दर के साथ लोन की सुविधा का लाभ ले सकते है।
क्या है ई किसान उपज निधि स्कीम
देश में सरकार की तरफ से किसानो के लिए शुरू की गई स्कीम में से एक ई किसान उपज निधि स्कीम भी है। इस स्कीम के तहत किसानो को यह स्कीम किसानों को न केवल वित्तीय सहायता प्रदान करती है बल्कि उन्हें बाजार में अधिक अवसरों के साथ जोड़ती है। किसानो को इस स्कीम में वित्तीय मदद के साथ साथ सुरक्षित भण्डारण की सुविधा एवं उचित मूल्य सुनिश्चित भी मिलती है। किसानो को फसल कटाई के बाद फसल को सुरक्षित भंडावरण की सुविधा WDRA पंजीकृत गोदामों में मिलती है साथ में इसमें लोन की सुविधा भी मिलती है।
WDRA में कैसे मिलता है लोन
WDRA पंजीकृत गोदामों में किसान अपनी फसल को रखते है तो वो 7 फीसदी ब्याज के साथ लोन की सुविधा ले सकते है। इसमें किसान बिना कुछ गिरवी रखकर वित्तीय मदद ले सकते है। इन गोदामों में किसानों को पहले अपनी उपज का भंडारण करने के लिए 3 फीसदी सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि का भुगतान करना पड़ता था, अब केवल 1 फीसदी सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि के भुगतान करने की जरूरत होगी
ई किसान उपज निधि स्कीम के फायदे
- सीधा भुगतान प्रणाली: ई-किसान उपज निधि स्कीम के माध्यम से किसानों को उनकी उपज का सीधा भुगतान मिलता है। इससे किसानों को अपनी उपज की विविधता के अनुसार निर्धारित मूल्य मिलता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- आसान और ट्रांसपेरेंट प्रक्रिया: यह स्कीम किसानों के लिए आसान और पारदर्शी है। किसान अपनी उपज की जानकारी दर्ज करते हैं और उसे ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से अपलोड करते हैं, जिससे गलतियों से बचाया जा सकता है।
- वित्तीय सहायता: यह स्कीम किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिससे वे अपने उत्पादन को बढ़ाने और उन्नत तकनीकों का उपयोग करने में सक्षम होते हैं।
- बाजार दरों का परिचालन: इस स्कीम के माध्यम से किसानों को बाजार दरों का अच्छे से पता चलता है, जिससे उन्हें अपनी उपज की सही मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
- समर्थन और प्रोत्साहन: ई-किसान उपज निधि स्कीम का उद्देश्य किसानों को समर्थन और प्रोत्साहन प्रदान करना है, ताकि वे अपनी उपज की विविधता में सुधार कर सकें और उनकी आय में वृद्धि हो।
- कृषि विकास में सहायता: यह स्कीम कृषि विकास को गति प्रदान करने में मदद करती है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारती है और वे अधिक मोटी उपज प्राप्त कर सकते हैं।
इन फायदों के माध्यम से ई-किसान उपज निधि स्कीम किसानों को आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में मदद करती है और उनकी उपज को बढ़ावा देती है।