PM आवास योजना के तहत देश में करोड़ो लोगो को लाभ मिल रहा है। लाभार्थी वर्ग को सरकार की तरफ से जिन लोगो के पास खुद का पक्का मकान नहीं है और उनकी आर्थिक स्थिति ख़राब है उनके लिए पक्के मकान की सुविधा इस स्कीम के तहत दी जा रही है। लेकिन पीएम आवास योजना में भी कई ऐसे फर्जी लोग है। जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर इस स्कीम में फायदा लिया है। या लेने का विचार बना रहे है तो उनके लिए बता दे की सरकार इन लोगो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के मूड में है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पीएम आवास योजना का लाभ लेने वाले व्यक्तियो पर भारी जुर्माना एवं क़ानूनी कार्रवाई हो सकती है।
इन लोगो के लिए है ये योजना
केंद्र सरकार जरूरतमंद लाभार्थी व्यक्तियो को इस योजना का लाभ देती है। जिनको वास्तव में इस स्कीम के तहत लाभ की जरूरत है। देश में बहुत से लोग ऐसे है। जिनके पास खुद का पक्का मकान है। और उनकी आर्थिक स्थिति भी ख़राब है। ऐसे में वो खुद से पक्का मकान नहीं बनवा सकते है। इसलिए सरकार इनकी मदद इस योजना के जरिये करती है। साल 2015 में शुरू हुई इस स्कीम के तहत देश में करोड़ो लोगो को पक्का मकान मिला है। इस स्कीम के तहत ग्रामीण एवं शहरी दोनों ही क्षेत्र में मदद दी जाती है। जिसके लिए अलग अलग चरण निर्धारित है।
जाली दस्तावेज एवं मिलीभगत
पीएम आवास योजना के तहत जाली दस्तावेजों एवं मिलीभगत से कई ऐसे लोग लाभ लेते है। जो की इस योजना के पात्र भी नहीं है। ऐसे में इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है। इनको लाभ राशि वापस करने के साथ साथ भारी जुर्माना भी देना होगा। और इसके खिलाफ क़ानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। धोखाधड़ी के मामले में जेल भी हो सकती है। केंद्र सरकार के मुताबिक लाभ केवल उन व्यक्तियों को मिलना चाहिए जो इसके लिए पात्र है। फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार जरुरी कदम उठा रही है।