FD Scheme Returns Calculation – जब भी आप किसी बैंक की बचत योजना में निवेश करते है तो आपको ब्याज दर के बारे में शुरुआत में ही बता दिया जाता है। खासकर जब आप फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम में निवेश करते है तो आपको स्कीम में निवेश करने से पहले ही बैंक की तरफ से ये बता दिया जाता है की आपको कितनी ब्याज दर मिलने वाली है।
1 लाख की FD करवाने पर आपको ज्यादातर 2.50 फीसदी से लेकर 8.50 फीसदी तक ब्याज दरें बैंक की तरफ से दी जाती है। चलिए इस आर्टिकल में आपको बताते है की कितनी ब्याज दर के साथ में आपको हर महीने कितना ब्याज बैंक की तरफ से दिया जाता है। इस आर्टिकल में हम एक लाख की FD पर गणना करने वाले है ताकि आपको आसानी से ये समझ में आ सके की 1 लाख पर अलग अलग ब्याज दरों के साथ में कितना ब्याज का लाभ बैंक देता है।
1 लाख की FD में कितना ब्याज मिलता है
अगर आप किसी भी बैंक में अपने 1 लाख रूपए की FD करवाते है तो आपको बैंक की तरफ से समय अवधी के अनुसार अलग अलग ब्याज दरों के साथ में ब्याज का पैसा दिया जाता है। यहाँ देखिये निचे की आपको किस ब्याज से महीने का कितना पैसा एक लाख की एफडी करवाने पर मिलने वाला है।
- 2.50 फीसदी ब्याज दर के साथ में आपको ₹208.33 ब्याज मिलेगा
- 3.00 फीसदी ब्याज दर के साथ में आपको ₹250 ब्याज मिलेगा
- 3.50 फीसदी ब्याज दर के साथ में आपको ₹291.66 ब्याज मिलेगा
- 4.00 फीसदी ब्याज दर के साथ में आपको ₹333.33 ब्याज मिलेगा
- 4.50 फीसदी ब्याज दर के साथ में आपको ₹375 ब्याज मिलेगा
- 5.00 फीसदी ब्याज दर के साथ में आपको ₹416.66 ब्याज मिलेगा
- 5.50 फीसदी ब्याज दर के साथ में आपको ₹458.33 ब्याज मिलेगा
- 6.00 फीसदी ब्याज दर के साथ में आपको ₹500 ब्याज मिलेगा
- 6.50 फीसदी ब्याज दर के साथ में आपको ₹541.66 ब्याज मिलेगा
- 7.00 फीसदी ब्याज दर के साथ में आपको ₹583.33 ब्याज मिलेगा
- 7.50 फीसदी ब्याज दर के साथ में आपको ₹625 ब्याज मिलेगा
- 8.00 फीसदी ब्याज दर के साथ में आपको ₹666.66 ब्याज मिलेगा
- 8.50 फीसदी ब्याज दर के साथ में आपको ₹708.33 ब्याज मिलेगा
तो देखा आपने की जब ब्याज दर में बदलाव होता है तो आपको हर महीने मिलने वाले ब्याज के पैसे में भी काफी बदलाव होता है। यहाँ दी गई जानकारी के हिसाब से आपको अपने निवेश की राशि पर हर महीने कितना पैसा आपको रिटर्न मिलने वाला है इसका अंदाजा आसानी से लगा सकते है।
कुछ बैंक या फिर डाकघर की स्कीम में तिमाही के आधार पर ब्याज दरों में गणना होती है और कुछ में ग्राहकों को कम्पाउंडिंग का लाभ भी दिया जाता है। उन मामलों में ग्राहकों को लम्बी समय अवधी के लिए निवेश करने पर मिलने वाला रिटर्न कुछ अधिक भी हो सकता है।