म्यूच्यूअल फंड के नुक्सान क्या हैं, देखिये म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने का तरीका

Written by Anita Yadav

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Mutual Fund Investment – आपने म्यूच्यूअल फंड का नाम तो सुना ही होगा क्योंकि मौजूदा समय में इसको लेकर टीवी पर भी काफी विज्ञापन दिखाये जाते है जिसमे कहा जाता है की म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना जोखिम के अधीन है कृपया निवेश से पहले सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें। और ये सही भी है क्योंकि म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना बाजार के उतार चढाव के हिसाब से ऊपर निचे होता है जिसकी वजह से पैसे डूबने के चांस भी बढ़ जाते है।

म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के फायदे भी है और नुकसान भी हैं। चलिए आज के इस आर्टिकल में आपको हम बताते है की म्यूच्यूअल फंड में निवेश करना और उसमे निवेश करने के क्या क्या नुकसान आपको होने वाले है। इसको लेकर विस्तार से आपको बतायेंगे। इसके अलावा इस आर्टिकल में आपको हम म्यूच्यूअल फंड में निवेश कैसे किया जाता है इसकी भी जानकारी देने वाले है। इसलिए इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़ें ऑर्डर आर्टिकल पसंद आता है तो आप इसको आगे शेयर भी जरूर करें।

म्यूच्यूअल फंड क्या होता है?

सबसे पहले तो आपको ये बता देते है की म्यूच्यूअल फंड क्या होता है क्योंकि अगर आप ये नहीं पता तो फिर इसमें निवेश ही नहीं कर पाओगे। म्यूच्यूअल फंड असल में एक ऐसी जगह होती है जहाँ पर निवेशकों का पैसेएकत्रित किया जाता है और इसको एकत्रित करने का काम कई कंपनियों या फिर बैंकों के द्वारा किया जाता है।

अब निवेशकों से जो भी पैसा एकत्रित किया जाता है यानि निवेशकों के द्वारा जो भी पैसा निवेश किया जाता है उस पैसे को फिर आगे बाजार में निवेश कर दिया जाता है। इस म्यूच्यूअल फंड के पैसे को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों के द्वारा मैनेज किया जाता है। ये पैसा बाजार में लगाया जाता है इसलिए ही इसमें जोखिम होता है क्योंकि जब भी बाजार में उतार चढाव आता है तो निवशकों के पैसे में भी उतार चढाव आता है।

म्यूच्यूअल फंड के नुक्सान क्या हैं?

म्यूच्यूअल फंड के नुकसान की अगर बात करें तो मुचाल फंड में बहुत सारे नुक्सान निवशकों को होते है। इनमे पहला तो निवेशकों का इसमें कोई भी कंट्रोल नहीं होता है और पूरी तरफ से बाजार के अनुसार चलता है। इसके अलावा म्यूच्यूअल फंड में रिटर्न का कोई भी वादा नहीं होता है और आपको निवेश के बाद में रिटर्न मिलेगा इसकी कोई भी गारंटी नहीं देता है।

इसके साथ ही म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के बाद में आपके द्वारा एक लॉक इन अवधी का निर्धारण किया जाता है और अगर आप इस लॉक इन अवधी के दौरान अपने म्यूच्यूअल फंड को रिडीम करते है तो आपको एक निश्चित राशि का भुगतान करना होता है। इसलिए भी देखा जाये तो ये म्यूच्यूअल फंड का एक तरह से निवेशकों के लिए नुकसान ही है।

म्यूच्यूअल फंड में नए निवेशकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा अगर आप कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से सीधे निवेश नहीं करते है तो आपको निवेश के लिए ब्रोकर को काफी मोटी फीस देनी होती है जो भी निवेशकों के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान का कारण भी होता है। इसके अलावा और भी कई नुकसान म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने के होते है जिनको हम अपने एक अलग आर्टिकल में कवर करने वाले है।

म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने का तरीका

म्यूच्यूअल फंड में आज के समय में निवेश करना बहुत आसान हो चूका है। इंटरनेट का जमाना है और अब सबकुछ आपके मोबाइल में मौजूद होता है। इसलिए म्यूच्यूअल फंड में अब आप अपने मोबाइल से ही निवेश कर सकते है। निवेश करने के दो तरीके होते है जिनमे एक तो आप कंपनी या बैंक की आधकारिक वेबसाइट पर जाकर सीधे निवेश कर सकते है।

इसके अलावा अगर आपको ऑनलाइन सीधे निवेश करने में परेशानी होती है तो आप फिर किसी भी वित्तीय मध्यस्थ यानी एएमएफआई के जरिये भी म्यूच्यूअल फंड में निवेश कर सकते है। इसमें आपको ये ध्यान रखना है की हमेशा पंजीकृत म्यूचुअल फंड वितरक की मदद से ही निवेश करवायें।

About Anita Yadav

मेरा नाम अनीता यादव है और मैं हरियाणा की रहने वाली हूँ। मुझे न्यूज़ और मीडिया के क्षेत्र में 5 वर्षों का अनुभव है और मैंने कृषि के साथ साथ में बिज़नेस से जुड़े विषयों को बहुतायात और अच्छे ढंग से कवर किया है। बिज़नेस में काफी रूचि होने के साथ साथ में मैं अपने पाठकों को सरकारी योजनाओं की जानकारी भी समय समय पर आर्टिकल के माध्यम से देती रहती हूँ। आप किसी भी आर्टिकल को लेकर समस्या के कहते या फिर अपने सुझाव दर्ज करवाने के लिए हमे ईमेल कर सकते है। हमारी ईमेल आईडी nflspice@gmail.com है।

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